आज होगा चुनाव की तारीखों का ऐलान, राजनीतिक दल कर रहे जीत के दावे
लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है और आज (16 मार्च) को दोपहर चुनाव के तारीखों का ऐलान भी हो जाएगा. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होगी. लेकिन, उससे पहले झारखंड में राजनीतिक बयान बाजी ने जोर पकड़ लिया है. झारखंड की सत्ताधारी दल महागठबंधन लोकसभा में भी जीत के दावे कर रही है तो वहीं एनडीए गठबंधन सभी 14 सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त है.
इस मामले पर बीजेपी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अबकी बार 400 पार के नारे को जमीन पर उतारेगी. देश की जनता तैयार है क्योंकि देश की तकदीर और तस्वीर बदलने वाले प्रधानमंत्री मोदी हैं. मतलब डेवलपमेंट लोकतंत्र के सारे रिकॉर्ड व्यस्त हो जाएंगे. जब देश की जनता मतदान केंद्रों तक जाएगी तो ईवीएम पर सिर्फ कमल फूल और मोदी ही दिखेंगे.
बीजेपी के आत्मविश्वास को अति आत्मविश्वास बताते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विरोधी कुछ भी कह लें. जनता कह रही है क्या बीजेपी को अपने हथियार पर भरोसा है. लेकिन, जनता उनके सारे हथियारों की धार को खत्म कर देगी. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. जहां से हमें आश्वासन मिला है कि किसी भी तरीके की अनियमित नहीं होगी. चंडीगढ़ की जो स्थिति बनी थी अगर सुप्रीम कोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं करता तो लोकतंत्र से पूरी तरीके से हत्या हो गई थी. हमें जनता पर भरोसा है. इनकी चाल किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होगी. फूट डालो, राज करो की नीति हम सफल नहीं होने देंगे. जनता अपने हक अधिकार के मुद्दे पर मतदान करेगी. 400 तो दूर यह 100 भी पार कर ले तो बहुत बड़ी बात है.
कांग्रेस भी चुनाव के लिए तैयार है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि पूरी तैयारी कर ली है. क्योंकि हम लगातार जनता के बीच है. महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर सिर्फ आज और कल नहीं. बल्कि चुनाव के लिए हम लोग भी पूरी तरीके से तैयार हैं. हालांकि बीजेपी की सरकार में यह पहली घटना है कि परंपराओं को दरकिनार करते हुए चुनाव आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति में नियमों को रख दिया गया और आनंद-फानन में आचार संहिता लागू करने की दिशा में पहल की जा रही है. जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर बीजेपी फंस गई है और उनके घोटाले और उनके चरित्र सामने आ गए हैं तो देश की जनता आंदोलन न करें. राजनीतिक दल इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से प्रश्न ना करें. इसके वजह से आनंद-फानन में आचार संहिता की घोषणा करने की दिशा में सरकार पहल करती है.