सिवान: सिवान भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के गृहनगर होने के कारण भारत के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता हैं। ऐतिहासिक रूप से इस पुराने शहर में कई सामाजिक और राजनीतिक घटनाएं घटीत हुई हैं | ताज़ा घटना ज़िले के गोरेयाकोठी अंचल, पंचायत राज महम्मदपुर, मौजा- महम्मदपुर पट्टी 28 का है,

बिहार के सिवान ज़िला में दूसरे की ज़मीन तीसरा लिख दे तो भी जमाबंदी हो जाती है l

सिवान ज़िला के गोरेयाकोठी प्रखंड के हल्का कर्मचारी, राजस्व अधिकारी  और अंचलाधिकारी धड़ल्ले से पैसा लेकर बिहार सरकार के नियम क़ानून की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं l ताज़ा मामला महम्मदपुर पट्टी-28 का है, बसंती देवी पिता स्वर्गीय सीताराम सिंह अपने पुत्र शैलेंद्र कुमार सिंह को लेकर आज कल गोरेयाकोठी ब्लॉक का चक्कर लगा रही हैं, शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया गोरियाकोठी ब्लॉक में परिमार्जन के लिए रू 650 और दाखिल ख़ारिज के लिए रु 3 हज़ार से 50 हज़ार लेकर 15 दिन का कार्य 2 दिन में पूर्ण कर दिया ज़ाता है, अगर आपने पैसा नहीं दिया तो वर्षों आपका आवेदन ठंडे बस्ते में पड़ा रहता है l बसंती देवी के पुत्र शैलेंद्र कुमार सिंह के अनुसार ग्राम महम्मदपुर निवासी नीतू सिंह ने ग्राम महम्मदपुर बलुआ टोला निवासी दबंग सूर्य नारायण सिंह (जिन पर 3-4 आपराधिक मुक़दमा चल रहा है) पिता स्वर्गीय– श्री भगवान प्रसाद को बसंती देवी का ज़मीन लिख दिया है, जब शैलेंद्र कुमार सिंह को यह पता चला तो उन्होंने दिनांक 16.08.2024 को अंचलाधिकारी को इससे अवगत करवाया कि यह ज़मीन इज्माल सम्पति है, इसका बँटवारा नहीं हुआ, इनकी जमाबंदी रोकने हेतु सम्पूर्ण काग़ज़ात के साथ अंचलाधिकारी को अपना आपत्ति आवेदन भी दिया l  28.10.2024 को शाम 4 बजे मोबाइल पर मेसेज आया कि सर्वे न. 4509 की जमाबंदी प्रक्रिया शुरू की जाती है और 29.10.2024 को सुबह 11 बजे मेसेज आया कि सर्वे न. 4509 की जमाबंदी की जाती है l  जब शैलेंद्र सिंह ने अंचलाधिकारी को इस बारे में फ़ोन पर सूचित किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और कहने लगे अभी मैं छठ पूजा के लिये थाना में मीटिंग ले रहा हूँ, मुझे फोन करके डिस्टरब मत करिये और मोबाइल काट दिया l कर्मचारी और RO से भी बात हुई, उन्होंने कहा यह सब अंचलाधिकारी महोदय के निर्देश पर किया गया है l

बिहार में सिवान ज़िला के महाराज गंज अनुमंडल के रंगेहाथ पकड़े गए DCLR

निगरानी विभाग के डिप्टी एसपी सुधीर कुमार इस अभियान की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'भूमि उप समाहर्ता के आवास से उनके क्लर्क के हाथ से रुपए बरामद किए गए हैं। अभी इसकी पूछताछ की जा रही है। जांच पूर्ण हो जाने के बाद ही कुछ भी कहा जा सकेगा।'

जमीन सर्वे में बट्टा लगा रहे घूसखोर अफसर :

यह मामला आम लोगों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि उन्हें अपनी जमीन के रिकॉर्ड के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस घटना के बाद, निगरानी विभाग ने जांच तेज कर दी है और भ्रष्टाचार में शामिल अन्य अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद है।

डेढ़ लाख की पहली किस्त थी 20 हजार

दरअसल, महाराजगंज के जिला भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) और उनके लिपिक को कथित तौर पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। ये कार्रवाई मंगलवार देर रात की गई। एसवीयू के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने बुधवार को बताया कि महाराजगंज के डीसीएलआर राम रंजन सिंह और उनके लिपिक संतोष कुमार को मिलीभगत कर एक परिवादी से 20000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

न्यूज़ सोर्स : Gaon Connection