वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को लचीला होना चाहिए: पीएम मोदी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर, गुजरात में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 2.1 मिलियन डॉक्टरों, 3.5 मिलियन नर्सों, 1.3 मिलियन अर्द्ध चिकित्साकर्मियों, 1.6 मिलियन फार्मासिस्टों और भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में संलग्न लाखों अन्य लोगों की ओर से गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधीजी स्वास्थ्य को इतना महत्वपूर्ण मानते थे कि उन्होंने इस विषय पर की टू हेल्थ नामक पुस्तक की रचना की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने का आशय व्यक्ति के मन और शरीर का सामंजस्य और संतुलन की स्थिति में होना है, जिसका अभिप्राय है कि स्वास्थ्य ही जीवन का आधार है।
प्रधानमंत्री ने संस्कृत का एक श्लोक भी पढ़ा जिसका अर्थ था: स्वास्थ्य ही परम धन है और अच्छे स्वास्थ्य से हर कार्य पूरा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि कोविड-19 महामारी ने हमें याद दिलाया है कि स्वास्थ्य हमारे निर्णयों के केंद्र में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय ने हमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अहमियत भी समझायी है, चाहे वह दवा और वैक्सीन वितरण के संबंध में हो या अपने लोगों को घर वापस लाने के संबंध में हो।
पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन मैत्री पहल के तहत, भारत ने ग्लोबल साउथ के अनेक देशों सहित 100 से अधिक देशों को 300 मिलियन वैक्सीन की खुराक वितरित की।
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को लचीला होना चाहिए। हमें अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम करने, तैयार रहने और मुकाबला करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। मौजूदा परस्पर संबद्ध दुनिया में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैसा कि हमने महामारी के दौरान देखा, दुनिया के एक हिस्से की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत कम समय में दुनिया के अन्य सभी हिस्सों पर असर डाल सकती हैं।
पीएम मोदी ने कहा, भारत में, हम समग्र और समावेशी दृष्टिकोण का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहे हैं, चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा दे रहे हैं और सभी को किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन समग्र स्वास्थ्य की सार्वभौमिक इच्छा का प्रतीक है। वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। मोटे अनाज या श्री अन्न, जिस नाम से वे भारत में जाने जाते हैं, के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि समग्र स्वास्थ्य और कल्याण हर किसी की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और, जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन से इसकी क्षमता का उपयोग करने के प्रयासों में तेजी आएगी। पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक भंडार का निर्माण करना हमारा साझा प्रयास होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि साफ हवा, सुरक्षित पेयजल, पर्याप्त पोषण और सुरक्षित आश्रय स्वास्थ्य के प्रमुख कारक हैं। उन्होंने जलवायु और स्वास्थ्य पहल के शुभारंभ की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए गणमान्य व्यक्तियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के खतरे से निपटने के लिए उठाए गए कदम भी सराहनीय हैं।