हाईवे में ऐसे करें सुरक्षित ड्राइविंग
हाईवे पर लंबी दूरी तक अकेले गाड़ी चलाना अक्सर थकाऊ काम बन सकता है। गाड़ी चलाने के लिए लगातार हाथों और पैरों का इस्तेमाल करते हुए सीधे बैठना, आगे की सड़क पर ध्यान लगाने के अलावा, साथ ही साथ गुजरने वाले वाहनों पर भी नजर रखना, थकान का कारण बन सकता है। एक थका हुआ ड्राइवर खासकर नींद की कमी और डिहाइड्रेशन की स्थिति में ज्यादा बड़ा जोखिम पैदा कर सकता है। पिछले हफ्ते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुआ भयानक हादसा, जिसमें एक मारुति एर्टिगा एक खड़े ट्रक से टकरा गई, इसका जीता जागता उदाहरण है। ऐसा लगता है कि चालक गाड़ी चलाते समय सो गया होगा। हादसा होने के कुछ सेकंड पहले ही गाड़ी एक अन्य दुर्घटना से बची थी। इस दुखद हादसे में चालक और गाड़ी में सवार दो बच्चों की मौत हो गई।
भारत में 2022 में 4.61 लाख से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.68 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हाईवे पर होने वाली इन दुर्घटनाओं में से कुछ में वाहन खड़े वाहनों से टकरा जाते हैं। ऐसे मामले आम हैं अगर चालक सड़क पर ध्यान नहीं दे रहा हो। हाईवे पर एक लंबी ड्राइव को तनावमुक्त बनाने के लिए यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं।
अच्छी नींद लें
भारत में हाईवे पर ट्रकों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाएं आम हैं। अक्सर, ऐसी दुर्घटनाओं का कारण गाड़ी चलाते समय थके हुए ट्रक ड्राइवरों द्वारा ध्यान खोना बताया जाता है। एक अच्छी तरह से आराम किया हुआ शरीर और दिमाग व्यक्ति को सड़क पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि हाईवे पर लंबी दूरी की गाड़ी चलाने से पहले अच्छी नींद लेना जरूरी है।
आप पी सकते हैं और गाड़ी चला सकते हैं
यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन हां, गाड़ी चलाते समय पीना भी जरूरी है। बशर्ते आप सिर्फ पानी ही ले रहे हों। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा ताकि थकान कम हो सके। जाहिर है कि इसका शराब से कोई लेना-देना नहीं है। इस बात को भी रेखांकित करना चाहिए कि सीमित मात्रा में कैफीन और चीनी का सेवन करना भी फायदेमंद होता है। हालांकि एक कप कॉफी या एनर्जी बार थोड़े समय के लिए आपकी सुस्ती दूर कर मुस्तैदी बढ़ा सकता हैष लेकिन इन चीजों का ज्यादा सेवन भी एनर्जी में गिरावट का कारण बन सकता है।
ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचें
गाड़ी चलाते समय अपने पसंदीदा रेडियो स्टेशन या संगीत खोजने के लिए इंफोटेनमेंट स्क्रीन का इस्तेमाल करना किसी भी तरह की सड़कों पर उचित नहीं है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी कानूनी रूप से दंडनीय है। हालांकि, लोग अक्सर दोनों ही काम करते हैं। खासकर तब जब सड़क सीधी और खाली होती है, यह सोचकर कि कुछ सेकंड ज्यादा मायने नहीं रखते। लेकिन, हाईवे पर अपने आसपड़ोस को लेकर सतर्क रहना और भी जरूरी हो जाता है। मलबा, अचानक सड़क पार करने वाले मवेशी और जानवर, या यहां तक कि खड़े वाहन जैसी कई चुनौतियां होती हैं।
अपनी यात्रा को छोटे हिस्सों में बांटे
लंबी हाईवे ड्राइव के लिए, खासकर जो 200 किमी से ज्यादा की हों, उनमें आराम महसूस करने के लिए बार-बार ब्रेक लेना फायदेमंद होता है। हर दो घंटे बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना आपके लिए अच्छा रहेगा। इससे आप अपने शरीर के हिस्सों को भी हिला पाएंगे जो गाड़ी चलाते वक्त एक ही जगह बैठने से थक जाते हैं। आप अपनी लंबी ड्राइव को इस तरह से प्लान कर सकते हैं कि बीच-बीच में ब्रेक लेने का समय निकाल सकें। इन ब्रेक में आप चाय पी सकते हैं, खाना खा सकते हैं या वॉशरूम जा सकते हैं। इस तरीके से आप तय समय में अपनी मंजिल पर पहुंच पाएंगे।
हाइवे के सम्मोहन से सावधान रहें
हाइवे हिप्नोसिस (सम्मोहन) या व्हाइट लाइन फीवर एक ऐसी स्थिति है जहां लंबी दूरी गाड़ी चलाने की वजह से ड्राइवर थक जाता है। और उसे ट्रान्स जैसा महसूस होने लगता है। इस दौरान वह बेहोशी में गाड़ी चलाता रहता है और उसे बाद में याद नहीं रहता कि उसने गाड़ी कैसे चलाई। ऐसी स्थिति में ड्राइवर आमतौर पर सड़क की परिस्थिति के हिसाब से ही गाड़ी चलाता रहता है। लेकिन खतरा तब बढ़ जाता है जब सड़क लंबी और सीधी हो और आसपास देखने के लिए कुछ न हो। साथ ही गाड़ी अगर एक ही स्पीड में चल रही हो और बार-बार गियर या लेन बदलने की जरूरत न पड़े तो भी ये खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में गाड़ी मानो ऑटो-पायलट मोड पर चल रही होती है। हाइवे के सम्मोहन से बचने के लिए जरूरी है कि आप साथी सवारों से बातचीत करते रहें या गाना सुनते रहें। ऊपर बताई गई बाकी सभी सावधानियां भी हाइवे सम्मोहन से बचने में मदद करेंगी।