मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी का इस्तीफा, कांग्रेस में जाने की अटकलें
मैहर । विधायक पद और भाजपा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, कहा-आगे की रणनीति जल्द बनेगी। पार्टी का सम्मान करते हुए दिया इस्तीफा। कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
अपनी ही सरकार के लिए परेशानी का सबब बने हैं
उन्होंने अपनी पार्टी तक बना ली है। मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने मैहर में उस्ताद अल्ल्लाउद्दीन खां स्टेडियम में चल रहे विंध्य प्रीमियर लीग टूर्नामेंट के फाइनल मैच के दौरान कहा था कि विंध्य प्रदेश का सपना जल्द ही साकार होने वाला है। हमारी अपनी पार्टी विंध्य विकास पार्टी का गठन हो चुका है और हम अपनी पार्टी से चुनाव लड़कर पूरे विंध्य प्रदेश से अपने प्रत्याशियों को जिताकर विंध्य प्रदेश का पुनः निर्माण करेंगे।
जब कांग्रेस सरकार अल्पमत में आई तो समर्थन करते नजर आए थे
2018 के चुनाव में भाजपा से जीत हासिल की। जब कांग्रेस सरकार अल्पमत में आई तो नारायण त्रिपाठी कांग्रेस का समर्थन करते नजर आए थे। उन्होंने मैहर को जिला बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ को राजी कर लिया था। 2020 में उन्होंने विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठाई। दो माह पूर्व उन्होंने पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा भोपाल में स्थापित करने और सतना में लगी प्रतिमा के अनावरण के लिए पत्र लिखा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सात मार्च को भोपाल में अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी कर दिया है।
पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने थे
नारायण त्रिपाठी पहली बार 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने थे।
2005 में वह समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
2008 के चुनाव में सपा की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
2013 में कांग्रेस से टिकट मिला और वे चुनाव जीत गए।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अजय सिंह राहुल को टिकट मिला तो विरोध करना शुरू कर दिया।
2015 में उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया।
2016 के विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा से लड़कर जीत दर्ज की।
2018 के चुनाव में भाजपा से जीत हासिल की।