दुमका। आप विधायक प्रदीप यादव के बीमार होने का पर्चा तो दिखा रहे हैं, लेकिन इसमें डॉक्टर के बेड रेस्ट का कोई जिक्र नहीं है। बेड रेस्ट की सलाह तो दी गई होगी। 22 अप्रैल को विधायक सशरीर उपस्थित हों या फिर बेड रेस्ट की सलाह वाला पर्चा कोर्ट में जमा करें। ऐसा नहीं होने पर बेल बॉन्ड रद्द कर दिया जाएगा।

यह टिप्पणी बुधवार को छेड़खानी के मामले में आरोपित पोड़ैयाहाट के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव की ओर से कोर्ट में जमा किए बीमारी के कागजात देखने के बाद तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद की अदालत ने की।

क्या है पूरा मामला
 
दरअसल, देवघर की एक महिला ने 20 अप्रैल 2019 को तत्कालीन झाविमो विधायक (अब कांग्रेस में) पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव पर छेड़खानी का आरोप लगाया था। देवघर थाना में दुष्कर्म के प्रयास समेत सात धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, केस होने के दो माह के बाद विधायक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।

अब यह केस दुमका की अदालत में गवाही पर चल रहा है। हर गवाही में विधायक को उपस्थित रहना है। बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान विधायक के अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता ने उनके पीए देवेंद्र पंडित की ओर से बताया कि बीमारी की वजह से विधायक उपस्थित नहीं हो सके हैं।

चिटठा देखने के बाद अदालत ने क्या कहा

अधिवक्ता चल रही दवाओं का लंबा चिटठा अदालत में पेश किया। चिटठा देखने के बाद अदालत ने कहा कि अगर विधायक बीमार चल रहे हैं तो डाक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह दी होगी। उसका पर्चा कहां है।

इस पर वकील ने कहा कि पर्चा लाना भूल गए। अदालत ने आदेश दिया कि 22 अप्रैल को विधायक सशरीर उपस्थित हो या फिर डॉक्टर के बेड रेस्ट की सलाह का पर्चा जमा करें। ऐसा नहीं होने पर बेल बांड रद कर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जाएगा।