विदेश में एमबीबीएस छात्रों के लिए नई राहत, NMC ने घटाए इंटर्नशिप के साल
National Medical Commission (NMC) ने इंटर्नशिप की अवधि को घटा दिया है। NMC ने एक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी। नोटिस में NMC ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाओं के जगह पर फिजिकल मोड में क्षतिपूर्ति कक्षाएं ली हैं और भारत में MBBS के सामान परीक्षा पास की है, वे सभी एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप के लिए पात्र हैं।
3 साल की इंटर्नशिप का महत्व
NMC का यह फैसला फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (FMGs) के लिए राहत के रूप में आया है, जो 3 साल की इंटर्नशिप नियम को लेकर परेशान थे। हाल ही में, आयोग ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कंपसेंटरी सर्टीफिकेट लेने से इनकार कर दिया और FMG के लिए दो से तीन साल की इंटर्नशिप अवधि अनिवार्य कर दी।
क्या कहा गया नोटिस में?
NMC ने नोटिस में स्पष्ट किया, "दिनांक 07 जून, 2024 को सार्वजनिक सूचना के क्रम में, यह स्पष्ट किया जाता है कि सभी छात्र जिन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के बदले फिजिकल रूप से ऑनसाइट कक्षाएं ली हैं और बाद में भारत में एमबीबीएस के समकक्ष परीक्षा पास की है, वे सीआरएमआई विनियम 2021 में निर्दिष्ट 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे।" आयोग ने आगे कहा कि अन्य सभी शर्तें समान रहेंगी। यह नियम उन छात्रों पर भी लागू होगा जिन्होंने दूसरे देशों से समकक्ष परीक्षा पास की है।
छात्रों ने किया था प्रदर्शन
पिछली घोषणा के बाद, कई FMG छात्रों ने नई नीति के खिलाफ NMC के सामने विरोध प्रदर्शन किया और प्रक्रिया में देरी और 3 साल इंटर्नशिप में आर्थिक और भावनात्मक तनाव का हवाला देते हुए NMC नोटिस को वापस लेने की मांग की।
एनएनसी ने दिया था ये तर्क
हालांकि NMC ने कहा था कि 3 साल की इंटर्नशिप नियम शुरू करने के पीछे का कारण यह था कि कुछ छात्र अपने मूल यूनिवर्सिटी से गलत तरीके से कंपसेंटरी सर्टिफिकेट ले रहे हैं। आगे कहा था, "मेडिकल पेशा अमूल्य इसानी जिंदगी से जुड़ी है, इसलिए लोगों के जीवन को खराब प्रशिक्षित डॉक्टर के कारण दांव पर नहीं लगाया जा सकता है।"
इंटर्नशिप की आवश्यकता
बता दें कि जो छात्र विदेश से मेडिकल एजुकेशन करते हैं और देश में मेडिकल की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) पास करना और कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) पूरी करना आवश्यक है।