बिहार चुनाव से पहले नीतीश का दांव, महिला वोटर्स को साधने की कोशिश
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने बिहार मूल की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है। ऐसे में अब बिहार में डोमिसाइल नीति को लेकर तेजस्वी के वादे की हवाइयां निकाल दी। बता दें कि बिहार में महिलाओं को नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण पहले से ही मिल रहा था।
बता दें कि इस निर्णय की मांग काफी लंबे समय से हो रही थी। जिसमें कहा जा रहा था राज्य की महिलाओं को ही नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। नए नियम के अनुसार जो महिलाएं अब बिहार की नागरिक होंगी उन्हें ही केवल आरक्षण का लाभ मिलेगा। नीतीश सरकार के इस फैसले से क्या आधी आबादी का सपोर्ट एनडीए सरकार को मिलेगा।
महिलाओं को डीबीटी का मिल रहा लाभ
देश के कई राज्यों में सरकार महिलाओं को डायरेक्ट कैश बेनिफिट स्कीम का लाभ दे रही हैं चुनाव में इस योजना के जरिए सबसे पहले मध्यप्रदेश इसके बाद महाराष्ट्रए दिल्ली, झारखंड और हरियाणा में सरकारें रिपीट हुई या बीजेपी की सरकार बनी। ऐसे में किसी भी चुनाव में विपक्षी पार्टियां भी अब चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए डीबीटी स्कीम का ऐलान करते हैं। बिहार में आरजेडी ने सत्ता में आने के बाद महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा किया है। ऐसे में नीतीश सरकार की यह घोषणा कितनी कारगर होगी यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।
महिलाओं का वोटर प्रतिशत ज्यादा
बिहार में महिलाएं जेडीयू का कोर वोटर मानी जाती है। पिछले तीन चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का वोटर टर्नआउट ज्यादा रहा है। 2020 में 59.7 प्रतिशत महिलाओं ने वोट दिया। 2015 में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने 9.3 प्रतिशत वोट अधिक दिए थे। जबकि 2010 महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 1.5 प्रतिशत वोटिंग ज्यादा की।
नीतीश सरकार ने चला रखी हैं ये योजनाएं
बिहार में नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए आजीविका, स्वयं सहायता समूह को ऋण जैसी कई योजनाएं चला रखी हैं। इसके अलावा फर्स्ट टाइम वोटर को साधने के लिए साइकिल और स्कूटी वितरण जैसी योजनाएं चला रही हैं। ऐसे में नीतीश सरकार ने डोमिसाइल नीति वाले तेजस्वी यादव के वादे पर फिलहाल पानी फेर दिया है।