भारत के स्ट्राइक से लड़खड़ाई पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, क्या होगा अगला कदम?

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय वायुसेना ने मंगलवार रात पाकिस्तान के खिलाफ एक जबरदस्त एयर स्ट्राइक की, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सीधा जवाब था, जिसमें भारतीय सुरक्षाकर्मी और निर्दोष नागरिक हताहत हुए थे. भारत के इस एक्शन से एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है. भारत के इस बदले से पाकिस्तान को अब एक चुटकी सिंदूर की कीमत तो पता चल ही गई होगी.
दरअसल, पहलगाम हमले के बाद जब पहली बार भारत ने पाक पर सिंधु जल समझौते को लेकर एक्शन लिया था तब पाकिस्तान का शेयर बाजार 7000 अंक तक टूट गया था, महंगाई इस कदर बढ़ गई थी कि लोगों के खाने के लाले पड़ गए. अब जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर किया है तो कराची स्टॉक में आज एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है, महंगाई और भी ज्यादा बढ़ सकती है, जिसका असर सीधा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत के एक्शन से पाकिस्तान की इकोनॉमी सिंधु में डूब जाएगी?
क्या सिंधु में डूब जाएगी पाकिस्तान की इकोनॉमी?
पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान पर भारत के ताबड़तोड़ एक्शन से पाकिस्तान में खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं. सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान की जल आपूर्ति में गंभीर कमी आ सकती है. इससे कृषि उत्पादन प्रभावित होगा और महंगाई बढ़ेगी. पाकिस्तान ने इसे 2023 में लगभग 40% से वापस कम दोहरे अंकों में ला दिया है. दोनों देशों के बीच तनाव से पाकिस्तान में महंगाई लगातार बढ़ती ही जा रही आटे-चावल से लेकर पानी की कीमतें बढ़ रही थीं.
आपको बिलावल भुट्टो का वो बयान तो याद होगा जिसमे उसने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल समझौता खत्म किया तो सिंधु नदी में भारतीयों का खून बहेगा. ऐसे में POK में भारत का ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को किस कदर महंगा पड़ने वाला है जिसका उसे अंदाजा भी नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पीओके की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन और कुछ स्थानीय उद्योगों पर निर्भर है.ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कई शहरों में पानी की कमी हो सकती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है. पाकिस्तान की ज्यादातर इकोनॉमी सिंधु नदी से मिलने वाले जल से कृषि पर निर्भर है, ऐसे में भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान की इकोनॉमी सिंधु में डूबना तो लगभग तय ही है.
पाकिस्तान के लिए सिंधु क्यों है जरुरी?
रिपोर्ट्स के अनुसार सिंधु बेसिन की नदियां पाकिस्तान के 25 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का समर्थन करती हैं और पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती योग्य भूमि सिंधु प्रणाली के पानी पर निर्भर है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का भरण-पोषण करती है. लाहौर, कराची और मुल्तान जैसे प्रमुख शहरों को पीने और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए इस प्रणाली से पानी मिलता है.
एक चुटकी सिंदूर की कितनी कीमत चुकाएगा पाकिस्तान?
पहलगाम हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. पाकिस्तान को हमले के बाद से भी डर सता रहा था कि भारत पहलगाम का जवाब तगड़ा और जरूर देगा. जिस तरह से भारत लगातार पाक पर एक के बाद एक एक्शन ले रहा था सिंधु जल समझौते से लेकर डिजिटल स्ट्राइक और दोनों देशों के बीच सभी तरह के कारोबार बंद होने तक पाक में हर तरफ 15 दिन से डर का माहौल बना हुआ था. इस वजह से वहां का शेयर बाजार भी लगातार टूट रहा था जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा था.
पाकिस्तान में भारत के एक्शन के डर से स्कूल कॉलेज ऑफिसेस सब बंद कर दिए. वहीं, उसे अपनी सुरक्षा पर रोजाना अरबों रुपए खर्च कर कर रहा है. भारत के एक्शन और युद्ध के खतरे की वजह से पाकिस्तान को हर दिन अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखने के लिए 27 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं और ये खर्च भी उसे भारी पड़ रहा है. बढ़ती महंगाई के चलते पाकिस्तान पहले ही बहुत कर्ज में है अब भारत के एक्शन के बाद उसे नुकसान झेलना पड़ेगा.
हर तरफ मची तबाही
22 अप्रैल को भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के शेयर बाजार में खलबली मच गई है. इस हमले के बाद पाकिस्तान का KSE-100 इंडेक्स करीब 4% गिर चुका है. वहीं, मूडीज रेटिंग एजेंसी ने भी चेतावनी दी है कि भारत के साथ तनाव बढ़ने से पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ सकता है. साथ ही पाकिस्तानी सरकार जो वित्तीय स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है, उसमें भी बाधा आ सकती है. मूडीज का कहना है कि अगर संकट लंबा चलता है तो पाकिस्तान को बाहरी देशों से मिलने वाले पैसे में दिक्कत आ सकती है और उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दबाव बढ़ सकता है.
ऑपरेशन की योजना
ऑपरेशन सिंदूर का पूरा प्लान बेहद गुप्त रखा गया. भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक फाइटर जेट्स, राफेल लड़ाकू विमानों का पहली बार प्रयोग कर पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर सटीक हमला किया है. इन विमानों ने आधी रात में उड़ान भरी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीकता से बमबारी की. भारतीय सेना ने राफेल जेट में लगी स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर मिसाइल जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया.
हमले में मुख्य रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया. भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक सटीक-मारक बमों का प्रयोग किया, जिससे आतंकियों के ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए. ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के किसी भी विमान को नुकसान नहीं हुआ, और सभी विमान सुरक्षित वापस लौट आए.
भारत का सख्त संदेश
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. यह भारत की ‘जीरो टॉलरेंस टू टेररिज्म’ नीति का स्पष्ट उदाहरण है. साथ ही, यह भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत और उनकी रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित करता है.
किसी भी हद तक जाएगा भारत
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक जवाबी कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी था. इस ऑपरेशन ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
एक नजर में भारत का पाक पर एक्शन
- वाटर स्ट्राइक- इतिहास में पहली बार पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता रद्द
- डिजिटल स्ट्राइक- पाकिस्तान के लोगों के सोशल मीडिया हैंडल्स बैन
- ट्रेड बंद- भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के ट्रेड कारोबार बंद कर दिए. अब पाकिस्तान किसी तीसरे देश के जरिए भी भारत से कोई कारोबार नहीं कर सकता
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद- अटारी वाघा बॉर्डर से साल 2018-2019 के बीच दोनों देशों के बीच चार हजार 370 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था. लेकिन भारत की ओर से उठाए गए कदमों से इसको नुकसान होगा.
- ऑपरेशन सिन्दूर- ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने न सिर्फ आतंक पर बल्कि पाकिस्तान की इकोनॉमी पर भारत ने प्रहार किया है.
- एयर स्ट्राइक- भारत ने पाकिस्तान के लिए अपने एयर स्पेस बंद कर दिए जिससे अब पाकिस्तान की एयरलाइन भारत के ऊपर से उड़ कर नहीं जा सकती हैं. ऐसे में उसे अब लंबा रुट लेना पड़ेगा इसके लिए उन्हें ATF पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा.