मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की चिंगारी......5 लोगों की मौत
नई दिल्ली । मणिपुर के जिरिबाम जिले में हाल की हिंसा की लहर में करीब 5 लोगों की मौत हुई है। यह घटना मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा बिष्णुपुर में दो स्थानों पर रॉकेट दागने के एक दिन बाद हुई, जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए थे। मणिपुर में तैनात एक सुरक्षा बल के अधिकारी ने बताया कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है। सुरक्षा बल अधिकारी ने कहा, सुबह उग्रवादियों ने एक गांव में घुसकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हुई। यह हत्या जातीय संघर्ष का हिस्सा है। गोलीबारी अभी भी जारी है। हमें रिपोर्ट मिली है कि मृतक कुकी और मैतेई दोनों समुदायों से हैं।
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष जारी है। लेकिन हाल के दिनों में स्थिति में गंभीर वृद्धि देखी गई है, विशेषकर पिछले पांच दिनों में जब एक नई लहर की हिंसा सामने आई है। बिष्णुपुर में एक बुजुर्ग की हत्या के कुछ घंटे बाद, इंफाल में भीड़ ने 2 मणिपुर राइफल्स और 7 मणिपुर राइफल्स के मुख्यालयों पर हथियार लूटने का प्रयास किया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया।
शुक्रवार को हुए हमले को मणिपुर में रॉकेट के इस्तेमाल का पहला ज्ञात मामला बताया गया है। यह हमला ड्रोन के हथियार के रूप में इस्तेमाल होने के छह दिन बाद हुआ। मणिपुर पुलिस ने कहा कि कुकी उग्रवादियों ने लंबी दूरी के रॉकेट का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने बताया कि रॉकेट करीब चार फीट लंबे थे। विस्फोटक को गैल्वनाइज्ड आयरन (जीआई) पाइप में भरकर एक देसी रॉकेट लांचर में फिट किया गया और एक साथ फायर किया गया। प्रोजेक्टाइल को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए, आतंकवादियों को विस्फोटकों की मात्रा को बदलना पड़ता है। ऐसा लगता है कि वे शांति के महीनों के दौरान इसका अभ्यास कर रहे थे।
बढ़ती हिंसा को देखकर मणिपुर प्रशासन ने राज्य भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को शनिवार को बंद रखने का आदेश जारी किया है। मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच संघर्ष के दौरान उग्रवादियों ने नई तकनीकों जैसे कि ड्रोन और रॉकेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे हिंसा की स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जबकि राइफल और ग्रेनेड का इस्तेमाल भी जारी है।
सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के तीन बंकर नष्ट किए, दहशत में लोगों
बिष्णुपुर जिले में बम हमलों से उत्पन्न अशांति के मद्देनजर मणिपुर सरकार ने शनिवार को स्कूल बंद रखने की घोषणा की।
पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास के परिसर में गिरा रॉकेट एक इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट लग रहा था। सुरक्षा बल अधिकारी ने बताया, बुजुर्ग व्यक्ति परिसर में कुछ धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी कर रहा था, तभी बम फट गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस बीच, घाटी स्थित नागरिक निकायों के एक समूह, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति ने तत्काल प्रभाव से इंफाल घाटी के पांच जिलों में सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी है। इंफाल घाटी के पांच जिलों में हजारों लोगों ने उग्रवादियों के हमलों का विरोध करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई।
बात दें कि मणिपुर के बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिले के इलाकों में कई ड्रोन दिखाने के बाद लोगों ने अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस सप्ताह की शुरुआत में इंफाल पश्चिम जिले में दो स्थानों पर लोगों पर बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर में कई ड्रोन दिखाई दिए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। घबराए ग्रामीणों ने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
वहीं जिरीबाम जिले में शनिवार सुबह हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह सो रहा था, वहीं बाद में हुई गोलीबारी में चार हथियारबंद लोग मारे गए। उग्रवादी जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर एक सुनसान स्थान पर अकेले रहने वाले व्यक्ति के घर में घुसे और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर पहाड़ियों में युद्धरत समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन पहाड़ी उग्रवादियों सहित चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई।