राबड़ी देवी-तेजस्वी के खिलाफ CBI की चार्जशीट पर तेज प्रताप ने दी प्रतिक्रिया....
पटना: सूबे के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने मां राबड़ी देवी और डिप्टी सीएम भाई तेजस्वी यादव पर जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की ओर से राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने पर भाजपा को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने अपने ठेंठ अंदाज में कहा कि ये सभी हथकंडे भाजपा-आरएसएस के लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ऐसा करते रहते हैं। महागठबंधन पहले से ही अक्षुण्ण है, इसलिए ऐसा तो होना ही था। भाजपाई निराश हैं, क्योंकि बीजेपी का पतन शुरू हो गया है।
वहीं, तेजस्वी के इस्तीफे की मांग पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए तेज प्रताप ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश को लूट लिया, वह इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? तेजस्वी यादव को इस्तीफा क्यों देना चाहिए?
सीबीआई ने इस केस में अब तक दो चार्जशीट की दाखिल
बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 14 अन्य के खिलाफ सीबीआई ने राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में सोमवार को दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) गीतांजलि गोयल के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करके अदालत को सूचित किया कि पहला आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सामने आए कुछ दस्तावेजों और सुबूतों के आधार पर यह आरोप पत्र दायर किया गया है। यह भी कहा कि पूरा अपराध एक अलग कार्यप्रणाली के साथ किया गया है।
सीबीआई ने विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डीपी सिंह के माध्यम से कहा कि दूसरा आरोप पत्र इसलिए भी दायर किया गया, क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल होने तक आरोपियों की भूमिका पूरी नहीं हो सकी थी।
उन्होंने कहा कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में उम्मीदवारों की अनियमित नियुक्तियां की गईं थीं। सीबीआई ने कहा कि यादव परिवार के सदस्यों के अलावा मामले में एके इंफोसिस्टम्स और कई बिचौलियों को भी नामित किया है।
10 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने दाखिल किया पहला आरोप पत्र
सीबीआई ने जुलाई 2022 में रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव के स्पेशल ड्यूटी आफिसर भोला यादव को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को 16 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
जांच एजेंसी का आरोप है कि बिहार के विभिन्न निवासियों को वर्ष 2004 से वर्ष 2009 के दौरान मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप-डी पदों पर नियुक्ति हुई थी।
आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ था और नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और भूखंड लिए गए थे।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि जोनल रेलवे में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, उनके आवेदनों को संसाधित करने में अनुचित जल्दबाजी दिखाई गई थी।
15 मार्च को अदालत ने इस मामले में लालू, राबड़ी व उनकी बेटी व सांसद मीसा भारती समेत अन्य को इस मामले में नियमित जमानत दी थी।
साथ ही हाल ही में अदालत ने मामले में लगातार देरी करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए सीबीआई को समय दिया था। मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। समाप्त विनीत तीन जुलाई।