झारखंड में नहीं थम रहा भ्रष्टाचार का सिलसिला....
राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसमें प्रमुख तौर पर रांची जिले के तत्कालीन अंचल अधिकारी अनिल कुमार का नाम है। अनिल कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने जमीन माफिया से मिलीभगत कर जुमार नदी को भरकर बेचने में भूमिका निभाई। मामले में कार्रवाई करते हुए अनिल कुमार को असंचायत्मक प्रभाव से एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड अधिरोधित किया गया है कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे जुमार नदी को भरकर बेचने की तैयारी में जमीन माफिया से मिलीभगत एवं सरकारी जमीन घोटाले में संलिप्तता का आरोप इन पर लगा था।
विवेक कुमार के ऊपर लगे ये आरोप
इसके अलावा दुमका के जामा के तत्कालीन बीडीओ विवेक कुमार सुमन के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया है। सुमन के विरुद्ध प्रखंड अंतर्गत पंचायत स्तर की योजनाओं का प्रखंड स्तर से एफटीओ करने, बिना कार्य कराए कुल 9,73,500 की राशि पंचायत एवं प्रखंड से निकासी करने एवं मनरेगा एक्ट का खुले आम उल्लंघन करने के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्त रहकर अनुसूचित जाति के लोगों को प्रताड़ित कर स्वार्थवश राशि का बंदरबांट करने का आरोप लगा था।
मुकेश के खिलाफ अधिसूचना जारी
एक अन्य मामले में साहिबंगज के पतना के तत्कालीन बीडीओ मुकेश पर आरोप लगा था कि उन्होंने मनरेगा के तहत संचालित परियाेजनाओं में वित्तीय अनियमितता बरती। उनके खिलाफ कुल 14 आरोप लगाए गए थे। इस मामले में उनके खिलाफ दो वेतन वृद्धि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।