मनोहरपुर व ओडिशा में ट्रेनें रोकी, बंगाल में आंदोलन स्थगित
कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन का असर कई स्टेशनों पर देखा जा रहा है। कई ट्रेनें रद्द हो गई हैं, जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रांची रेलवे स्टेशन में यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है। सभी अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए स्टेशन पहुंच रहे हैं, लेकिन स्टेशन पर उन्हें उनकी ट्रेन नहीं मिल रही है।
स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में परेशान हो रहे यात्री
इधर, रांची रेलवे स्टेशन जैसा ही हाल टाटानगर स्टेशन का भी है। लोग ट्रेन के इंतजार में बैठे हैं। समय पर गाड़ी नहीं मिलने से बेहद परेशान हो रहे हैं। इस दौरान स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। डॉग स्क्वॉयड की भी तैनाती की गई है।
घाघरा हॉल्ट पर ट्रेनों का आवागमन रोका गया
अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के लिए कुड़मी समाज ने बंगाल में आंदोलन स्थगित कर दिया, लेकिन झारखंड-ओडिशा में कुड़मी रेल रोकने पर अडिग हैं।
आंदोलनकारियों ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित मनोहरपुर रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर पहले घाघरा हाल्ट पर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया है। वहां काफी संख्या में पुलिस बल तैनात है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ओडिशा में भी देखा जा रहा आंदोलन का असर
झारखंड के ही सरायकेला-खरसावां जिला स्थित नीमडीह में आंदोलनकारी स्टेशन परिसर के पास डटे हैं। यहां रेल व अनुमंडल प्रशासन से वार्ता चल रही है।
मनोहरपुर व नीमडीह से सुबह नौ बजे तक ट्रेनों का परिचालन हुआ था। ओडिशा के मयूरभंज में भंजूपुर में कुड़मी समाज के लोगों ने बांगरीपोशी- मयूरभंज व शालीमार-पुरी एक्सप्रेस को भी रोका दिया है। यहां सड़क जाम भी किया गया है।
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट का मंगलवार शाम को आदेश आने के बाद रेलवे ने जिन ट्रेनों को रद्द घोषित किया था, उन्हें चलाने की घोषणा की थी। कोर्ट ने इस आंदोलन को अंसवैधानिक करार दिया था।
बुधवार सुबह से स्टेशन परिसर के पास आंदोलनकारी कुड़मी समाज के लोग डटे हैं, पुलिस बल भी काफी संख्या में तैनात है। नीमडीह, गोमो सहित झारखंड में अनुमंडल प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगा दी है।
अनिश्चितकालीन आंदोलन पर कुड़मी अडिग
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को बंगाल के पुरुलिया चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कुड़मियों के आंदोलन को अवैध कहा था। कोर्ट ने बंगाल सरकार को आदेश दिया कि वह इस आंदोलन को रोके और रेलवे की संपत्ति की रक्षा करें।
आवश्यकता हो, तो केंद्रीय सुरक्षा बल की सहायता लें। कोर्ट ने कहा कि आम लोगों को परेशानी में डालकर किसी आंदोलन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कोर्ट के इस आदेश के बाद कुड़मी समाज ने बंगाल में आंदोलन स्थगित कर दिया था। बंगाल के कुस्तौर व खेमाशुली में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की गई थी।